*मानेन रक्ष्यते धान्यम्* *अश्वान् रक्षत्यनुक्रमः श्लोक अर्थ
*मानेन रक्ष्यते धान्यम्* *अश्वान् रक्षत्यनुक्रमः।* *अभीक्ष्णदर्शनं ग्राश्च* *स्त्रियो रक्ष्याः कुचैलतः॥* अर्थात - अनाज की रक्षा तौल से होती है, घोड़े की रक्षा उसे लोट-पोट कराते रहने से होती है, सतत् देखरेख से गायों की रक्षा होती है और सादा वस्त्रों से स्त्रियों की रक्षा होती है। *🙏💐🌻मङ्गलं सुप्रभातम्🌻💐🙏*